
रायपुर । कलिंगा विश्वविद्यालय मध्य भारत का प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थान है। जिसे राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के द्वारा बी प्लस की मान्यता प्रदान की गयी है। यह छत्तीसगढ़ में एकमात्र निजी विश्वविद्यालय है जो एनआईआरएफ रैंकिंग 2021 में उच्चस्तरीय 151-200 विश्वविद्यालयों में एक है। कलिंगा विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद आदि प्रतिष्ठित संस्थानों से मान्यता प्रदान की गयी है। यहाँ पर विद्यार्थियों में शोध प्रवृत्ति और नयी खोज को विकसित करने के लिए और वैश्विक मापदंड के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए विभिन्न संकाय के द्वारा विषय विशेषज्ञ अतिथि विद्वानों के द्वारा व्याख्यान का आयोजन किया जाता रहा है। इसी तारतम्य में कलिंगा विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के द्वारा “कार्बनडाइऑक्साइड- केप्चर, स्टोरेज एंड यूटिलाइजेशन’ विषय पर गेस्ट लेक्चर का आयोजन संपन्न हुआ। उक्त संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रुप में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, रायपुर
(छत्तीसगढ़) के रसायन शास्त्र विभाग की सहा. प्राध्यापक डॉ. तुंगबिद्या महाराणा उपस्थित थीं। उन्होंने विद्यार्थियों को कार्बनडाइऑक्साइड को आगे के उपयोग के लिए पुनर्नवीनीकरण करने और उसकी उपयोगिता से संबंधित महत्वपूर्ण बातों को विस्तार से बतलाया। अतिथि वक्ता ने कहा कि कार्बन कैप्चर, यूटिलाइजेशन एंड स्टोरेज (सीसी यूएस ), जिसे कार्बन कैप्चर, यूटिलाइजेशन और सीक्वेस्ट्रेशन के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों जैसे श्रोतों से कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को संग्रहित करती है और उसे पुनः उपयोग के लिए तैयार करती है जिससे यह वातावरण में प्रवेश नहीं करती है। जिससे प्रदूषण में मुक्ति के साथ मानव विकास में उसका उपयोग किया जा सकता है।
उक्त आयोजन में कलिंगा विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विषय की विभागाध्यक्ष और संगोष्ठी की समन्वयक डॉ. शिल्पी श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विभाग के समस्त विद्यार्थियों के साथ प्राध्यापक उपस्थित थे।