
कंलिगा विश्वविद्यालय के वनस्पति और प्राणी विज्ञान विभाग द्धारा संयुक्त रूप से माइकोबियल एवं बायोकेमिकल तकनीक का प्रशिक्षण 18-19 अप्रैल को दिया गया। डॉ. आर. श्रीधर ने बताया कि बढ़ती चिकित्सकीय चुनौतियों और नई-नई बीमारियों के उदभव की वजह से आज वर्तमान में एंटी माइकोबियल तकनीक पर काम करना जरूरी हो गया है। इसी तरीके से कैंसर जैसी बीमारियों के उपर और भी रिसर्च की आवश्यकता है ताकि किसी भी अवस्था में कैंसर को उपचारित किया जा सके। तत्पश्चात तकनीकी सत्र की शुरूवात डॉ. योगेश पटेल, सुक्ष्म जीव विज्ञान विभाग सरदार कृषिनगर कृषि विश्वविद्यालय दांतीवाडा गुजरात के व्याख्यान से हुई। डॉ. पटेल ने चर्चा करते हुये व्याख्यान में बताया कि एंटीबायोटिक के अत्यधिक और सही डोज में न लेने से माइकोब प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त कर रहे है संभव है कि आने वाले समय में मौजुद एंटीबायोटिक काम न करे। उन्होंने बताया कि मौजूदा दौर में वैज्ञानिक पादपों से प्राप्त निष्कर्षण का उपयोग एंटीबायोटिक के तौर पर करके देख रहे है। व्याख्यान के पश्चात एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइकोबियल एक्टीविटी का प्रशिक्षण दिया गया इसके अलावा हैवी मेटल की आलिगोडायनामिक एक्टिविटी का टेस्ट भी बच्चो को कराया गया । तकनीकिय अध्ययन के दुसरे सत्र में एमाइलेज,जिलेटिनेज,कैसीनेज एक्टिविटी प्रदर्शित करने वाले माइकोब की स्क्रीनिंग की गई। तकनीकी के दुसरे दिन डॉ. गौरव दुबे, असिस्टेट रिसर्च साइसटिस्ट, सरदार कुशीनगर कृषि विश्वविद्यालय दांतीवाडा गुजरात ने एंटीबाडी रिएक्टीविटी के बारे में बच्चों को बताया व उसका प्रायोगिक परीक्षण भी बच्चों को दिया उसके पश्चात एसडीएस पेज इलेक्ट्रोफोरेसिस का प्रशिक्षण भी बच्चों को दिया गया । अंतिम तकनीकी सत्र में डॉ.गौरव दवे में एंटीमायोटिक और एंटीकैंसर
एक्टिविटी को मूंग की दाल, प्याज की मदद से करके दिखाया और बताया कि किस तरीके से सीमित संसाधन के साथ आप हाइ ओरियंटल रिसर्च कर सकते है ।
कार्यक्रम के संयोजक अभिषेक कुमार पाण्डेय ने आये हुयें अतिथि विद्वानों को धन्यवाद स्थापित किया । कार्यक्रम का संचालन डॉ.मनोज सिंह आयोजक सचिव ने किया । बायोटेक विभाग की सहायक प्रध्यापक सुश्री निराली बुध्दभाटी और डॉ. रामस्वरूप सैनी के निर्देशन में बच्चों ने
प्रायोगिक कार्यक्रम सम्पन्न किया । अंत में श्री अभिषेक कुमार पाण्डेय ने फार्मेसी विभाग के प्रधानाचार्य डॉ.संदीप तिवारी और श्री सुदीप मंडल को कार्यक्रम को सफल बनाने में अभूतपूर्व योगदान के लिये विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया ।