
00 पांच दिन की कार्यावधि में शाम को भले 5.30 की जगह 6 बजे तक रखें
रायपुर। विरोध बढ़ता ही जा रहा है , कर्मचारी संगठनों ने अब दो टूक बता दिया कि उनके लिए सुबह 10 बजे ड्यूटी पर कार्यालय में उपस्थित हो पाना संभव नहीं होगा। संघ की मांग है कि कार्यालयीन समय में संशोधन करते हुए प्रात: 10 बजे के स्थान पर यथावत् 10.30 बजे रखा जाए तथा संध्या आधा घंटा वृद्वि करते हुए 6 बजे किया जाए, तभी 5 दिवसीय सप्ताह स्वीकार्य है। इससे तो अब सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश व पालन के संदर्भ शुरू हुई कड़ाई का पेंच फंसता हुआ दिख रहा है।
वे तो यह भी बता रहे हैं कि कर्मचारी संगठनों ने 5 दिवसीय साप्ताहिक कार्यालयीन व्यवस्था की तत्कालिक मांग पत्रों में मांग नहीं किया गया था, कर्मचारी संगठनों ने लंबित 14 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता व केंद्रीय कर्मचारियों की भांति 7 वें वेतनमान के प्रविधानों के तहत गृहभाड़ा भत्ता की मांग की थीं।
छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संध के प्रांताध्यक्ष विजय कुमार झा और जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खान ने कहा है कि चूंकि मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा किया गया था, इसलिए कर्मचारी संगठनों ने इसका स्वागत किया था। कार्यालयीन अवधि 10.30 से 5.30 के स्थान पर आधा घंटा बढ़ाकर 6 बजे करने की अपेक्षा थीं। सुुबह 10.30 को कम कर 10 बजे करने से कर्मचारियों विशेषकर महिला कर्मचारियों को स्वीकार्य नहीं है।
अन्यथा प्रदेश के लाखों कर्मचारियों विशेषकर महिला कर्मचारियों की दोहरी जवाबदेही को दृष्टिगत् रखते हुए 5 दिवसीय सप्ताह के आदेश को वापस लिया जाकर, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों व केंद्रीयकर्मचारियों के समान 31 प्रतिशत मंहगाई भत्ता व 7 वेें वेतनमान के अनुरूप 20 प्रतिशत गृहभाड़ा भत्ता दिया जाए.
प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष अजय तिवारी, महामंत्री उमेश मुदलियार, प्रांतीय सचिव विश्वनाथ ध्रुव, सीएल दुबे, संजय शर्मा, विमल चंद्र कुण्डू, सुरेंद्र त्रिपाठी, नरेश वाढ़ेर, रामचंद्र ताण्डी, कुंदन साहू, रविराज पिल्ले, सुंदर यादव, दिनेश मिश्रा, राजू गवई, के .आर.वर्मा, प्रदीप उपाध्याय, भजन बाध, बजरंग मिश्रा, अतुल दुबे, शीला बैस,श्वेता टण्डन, लता देवांगन, माया यादव, पिंकी ठाकुर आदि नेताओं ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बधेल से मांग की है कि तत्काल 10 बजे के स्थान पर 10.30 बजे से 6 बजे तक आदेश जारी करने निर्देशित करें अन्यथा 5 दिवसीय सप्ताह वापस लिया जाए।